South Korea में राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) में आंतरिक कलह बढ़ने के बीच पार्टी प्रमुख हान डोंग-हून ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, राष्ट्रपति येओल पुलिस के सवालों से बच रहे हैं। पुलिस अधिकारी जब समन देने उनके कार्यालय और आवास पहुंचे तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
द कोरिया टाइम्स के अनुसार, शनिवार को नेशनल असेंबली में विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया। माना जा रहा है कि 12 पीपीपी सांसदों ने अपनी पार्टी लाइन के विपरीत जाकर इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
पीपीपी नेता हान डोंग-हून ने सोमवार को कहा, “पार्टी में आंतरिक संघर्ष के बीच मैं अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हूं, इसलिए मैं पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” उन्होंने मार्शल लॉ की घोषणा के बाद उत्पन्न अराजकता के लिए माफी मांगते हुए यह भी कहा कि उन्हें महाभियोग का समर्थन करने के अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है।
द कोरिया टाइम्स के मुताबिक, नवनिर्वाचित फ्लोर लीडर क्वोन सेओंग-डोंग को कंजर्वेटिव पार्टी का कार्यवाहक प्रमुख नियुक्त किया गया है। पुलिस की संयुक्त जांच इकाई राष्ट्रपति येओल से पूछताछ करने की कोशिश कर रही है। समन देने के लिए पुलिस अधिकारियों ने पहले राष्ट्रपति कार्यालय का रुख किया, लेकिन सहयोग न मिलने के बाद वे उनके आवास पहुंचे। वहां भी स्टाफ ने समन लेने से इनकार कर दिया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि राष्ट्रपति कार्यालय और आवास का असहयोग जारी रहता है तो वे अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग करेंगे। इस घटनाक्रम के बीच पूर्व रक्षामंत्री किम योंग-ह्यून और रक्षा प्रतिवाद कमान प्रमुख को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।