Syria Crisis: सीरिया में अल-कायदा और तुर्किये समर्थित आतंकवादी समूह हयात तहरीर अल-शाम के विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना से समूचा हामा प्रांत छीन लेने का दावा किया है। इदलिब (उत्तर-पश्चिम) और अलेप्पो (उत्तर) पर विद्रोही पहले ही नियंत्रण पा चुके हैं। विद्रोहियों ने कहा कि अब उसका हामा पर पूर्ण नियंत्रण हो गया।
अरबी न्यूज वेबसाइट 963+ की खबर के अनुसार, हयात तहरीर अल-शाम ने मध्य सीरिया के हामा पर पूर्ण नियंत्रण का दावा किया है। हामा को सीरिया की क्रांति की राजधानी कहा जाता है। विद्रोहियों ने दारा शहर और उसके पूर्वी और पश्चिमी ग्रामीण इलाकों से सीरियाई बलों को पीछे धकेलकर हामा फतह की घोषणा की।
963+ ने सूत्रों के हवाले से कहा कि आतंकी समूह ने सीरियाई सुरक्षा बल पूर्वी और पश्चिमी ग्रामीण इलाकों के सभी गांवों, कस्बों और सैन्य बिंदुओं से पीछे हट गए हैं। दारा शहर में भी विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। सरकारी सुरक्षा बल इजरा शहर से भी हट गए है। हयात तहरीर अल-शाम और उसके सहयोगी सशस्त्र गुट शुक्रवार को सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स की ओर बढ़े हैं। सरकारी बलों ने देश के पूर्व में डेर एज-जोर गवर्नरेट में अपने नियंत्रण क्षेत्र खो दिए।
हयात तहरीर अल-शाम के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने घोषणा की कि उनका लक्ष्य सीरियाई शासन को उखाड़ फेंकना है। हाल यह है कि सीरिया में विद्रोहियों की मजबूत पकड़ ने ईरान के होश उड़ा दिए हैं। उसने सीरिया से अपने सैन्य अधिकारियों और दूतावास कर्मियों को सुरक्षित निकालना शुरू कर दिया है। ईरान लगभग 13 साल से सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की हर तरह से मदद कर रहा है। ईरान के इस अप्रत्याशित कदम ने भी राष्ट्रपति असद की चिंता बढ़ा दी है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ईरान ने शुक्रवार को सीरिया से अपने सैन्य अधिकारियों, जवानों और दूतावास के कर्मियों को निकालना शुरू कर दिया। इनमें ईरान की शक्तिशाली कुद्स फोर्सेज के शीर्ष कमांडर शामिल हैं। यह फोर्सेज रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की बाहरी शाखा है। यह सब राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता में बनाए रखने में मदद कर रहे थे। ईरानी और क्षेत्रीय अधिकारियों ने कहा कि दमिश्क में ईरानी दूतावास और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के ठिकानों को खाली करने का आदेश दिया गया है।