क्रिप्टो करेंसी मार्केट में Bitcoin ने मजबूती का नया इतिहास बना दिया है। ये आभासी मुद्रा आज के कारोबार में 1.03 लाख डॉलर के स्तर से भी ऊपर पहुंच गया। हालांकि बाद में इसकी कीमत में गिरावट आई, जिसके कारण फिलहाल ये क्रिप्टो करेंसी सर्वोच्च स्तर से थोड़ा नीचे गिर कर कारोबार कर रही है। Bitcoin की कीमत में आई इस तेजी के कारण इस क्रिप्टो करेंसी का मार्केट कैप पहली बार 2 ट्रिलियन डॉलर के स्तर को पार कर गया है। माना जा रहा है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने तक ये क्रिप्टो करेंसी उछल कर 1.10 लाख डॉलर के स्तर तक भी पहुंच सकती है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी के कारोबार के लिए अधिकृत एजेंसी यूनो कॉइन के अनुसार बिटकॉइन ने भारतीय समय के अनुसार कल देर रात दो बजे के करीब पहली बार 1 लाख डॉलर के स्तर को पार किया। एक लाख डॉलर के स्तर को पार करने के बाद भी इसकी रफ्तार तेज बनी रही, जिसके कारण सुबह 8 बजे के करीब इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत 1,01,544 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई।
दिन के कारोबार में इस क्रिप्टो करेंसी की रफ्तार और तेज हुई। दोपहर 3 के करीब ये आभासी मुद्रा अभी तक के सर्वोच्च स्तर 1,03,332.30 डॉलर (करीब 87,63,900 रुपये) के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। हालांकि इसके बाद बिटकॉइन की कीमत में मामूली गिरावट आई, जिसकी वजह से भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे ये आभासी मुद्रा 1,02,614.90 डॉलर (करीब 87,07,795 रुपये) के स्तर पर कारोबार कर रही थी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से ही बिटकॉइन में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। 5 नवंबर के बाद से इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत में अभी तक 38 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग को, खासकर बिटकॉइन की खरीद बिक्री को मान्यता देने की बात कही थी। इसके साथ ही क्रिप्टो करेंसी के कारोबार को व्यवस्थित रूप देने के लिए एक रेगुलेटर नियुक्त करने का भी वादा किया था।
डोनाल्ड ट्रंप के इस चुनावी वादे को जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा चलाए जा रहे एंटी क्रिप्टो करेंसी कैंपेन का जवाब माना जा रहा था। यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत होते ही क्रिप्टो करेंसी मार्केट में जोरदार तेजी का माहौल बन गया। खासकर दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन ने लगातार मजबूती का नया-नया रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में क्रिप्टो रेगुलेटर की नियुक्ति होने के बाद क्रिप्टो फ्रेंडली नीतियां बनाई जा सकती हैं, जिससे आभासी मुद्राओं को लेकर उठने वाली शंकाओं पर विराम लग सकेगा। ऐसा होने से क्रिप्टो करेंसी मार्केट में और भी तेजी आ सकती है। जानकारों का कहना है कि अगर कोई बड़ा उलट फेर नहीं हुआ, तो डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के पहले ही बिटकॉइन 1.01 लाख डॉलर के स्तर को पार कर सकता है।