भारतीय कॉरपोरेट मामलों के संस्थान (IICA) ने हाल ही में भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आईआईसीए ने कई प्रमुख कार्यकारी खोज फर्मों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत छह कार्यकारी खोज फर्मों को स्वतंत्र निदेशक डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करेगा। इस कदम से कंपनियों के लिए योग्य स्वतंत्र निदेशकों को खोजने में मदद मिलेगी।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि यह कार्यक्रम नई दिल्ली में राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) मुख्यालय में हुआ। एनएफआरए के अध्यक्ष और आईआईसीए के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. अजय भूषण पांडे ने समारोह की अध्यक्षता की।
इस कार्यक्रम में पेशेवरों की खोज करने वाले छह प्रमुख फर्मों कोर्न फेरी, एबीसी कंसल्टेंट्स, ईएमए पार्टनर्स लिमिटेड, डीएचआर ग्लोबल, शेफ़ील्ड हॉवर्थ और वाहुरा के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय निदेशक मंडलों में स्वतंत्र निदेशकों के चयन और नियुक्ति प्रक्रिया को बेहतर बनाना है। भारतीय बोर्डरूम कॉर्पोरेट प्रशासन उत्कृष्टता की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्रालय के मुताबिक इस दौरान साझेदार फर्मों के अग्रणी नेताओं में एबीसी कंसल्टेंट्स के प्रबंध निदेशक शिव अग्रवाल, कोर्न फेरी, वित्तीय सेवाएं एपीएसी की प्रबंध निदेशक मोनिका अग्रवाल, डीएचआर ग्लोबल के प्रबंध साझेदार विक्रम छाछी, शेफील्ड हावर्थ के कार्यकारी निदेशक सेथुमाधवन श्रीनिवासन, वाहुरा की बोर्ड प्रैक्टिस प्रमुख श्वेता राव और ईएमए पार्टनर्स लिमिटेड के एसोसिएट निदेशक आदर्श आरोन शामिल थे।
इस अवसर पर आईआईसीए के महानिदेशक डॉ. अजय भूषण पांडे ने समझौता ज्ञापन को योग्य स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति सुगम बनाने हेतु स्वतंत्र निदेशक डाटाबैंक (आईडीडीबी) के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। गौरतलब है कि कंपनी (निदेशकों की नियुक्ति और योग्यता) नियम, 2014 के तहत स्वतंत्र निदेशक डाटाबैंक (आईडीडीबी) योग्य पेशेवरों के भंडार का कार्य करता है। इन नियमों के तहत सभी स्वतंत्र निदेशकों के लिए डाटाबैंक के साथ पंजीकरण और दक्षता मूल्यांकन पूरी करना अनिवार्य है।