Sita-Ram marriage festival in Ayodhya: हर वर्ष पारंपरिक रूप से मनाए जाने वाले भगवान राम और सीता के विवाह महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है। विवाह से पूर्व तिलक चढ़ाने की परंपरा के मुताबिक जनकपुरधाम से तिलक लेकर सीता माता के मायके की तरफ से करीब 500 लोग शनिवार को अयोध्या के लिए रवाना हुए।
जनकपुरधाम के जानकी मंदिर परिसर में सुबह आयोजित समारोह के दौरान पूरे क्षेत्र से एकत्रित किए गए तिलक के सामान को पूरे विधि-विधान से पूजा के बाद अयोध्या के लिए रवाना किया गया। पिछले एक हफ्ते से जनकपुर और आसपास के क्षेत्र के सर्वसाधारण जनता की तरफ से सीता माता के ससुराल भेजने के लिए लोगों ने अपने-अपने घरों से उपहार भेजा है। इन उपहारों को बांस के बने दौरे में रखकर भेजा जाता है। उपहारों में मिठाई, कपड़ा, गहने इत्यादि शामिल हैं।
जानकी मंदिर परिसर में आयोजित समारोह में मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंथ रामरोशन दास तथा जनकपुरधाम के मेयर मनोज साह के नेतृत्व में करीब 500 लोगों का समूह सौ वाहनों से अयोध्या के लिए रवाना हुआ। यह तिलक जनकपुर से बीरगंज होते हुए बिहार के रक्सौल में प्रवेश करेगी और वहां से बेतिया, बाल्मीकिनगर से गोरखपुर होते हुए रविवार को अयोध्या पहुंचेगी।
इस समारोह का समन्वय कर रहे विश्व हिंदू परिषद नेपाल के महासचिव जितेंद्र सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि सोमवार (18 नवंबर) को अयोध्या के कारसेवकपुरम् में तिलकोत्सव का आयोजन किया गया है। जानकी मंदिर और जनकपुरधाम से गए तिलक के भार को उसी दिन श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज को सौंपा जाएगा। उसी समारोह में भगवान राम के परिवार को 6 दिसंबर को होने वाले विवाह महोत्सव में बारात लेकर आने के लिए निमंत्रण भी सौंपा जाएगा।
मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने बताया कि वो स्वयं अयोध्या वासी को माता सीता और भगवान राम के विवाह में बारात लेकर आने के लिए निमंत्रण पत्र सौंपेंगे। यह निमंत्रण पत्र चंपत राय और राजेंद्र सिंह पंकज को सौंपा जाएगा। सोमवार को तिलकोत्सव के लिए कारसेवकपुरम में भव्य तैयारियां की गई हैं।