Heavy selling by foreign investors in October: विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण घरेलू शेयर बाजार के लिए अक्टूबर का महीना सबसे अधिक नुकसान वाला महीना साबित हुआ है। अक्टूबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 11.2 अरब डॉलर यानी करीब 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की।
घरेलू शेयर बाजार के इतिहास में किसी एक महीने में विदेशी निवेशकों ने पहली बार इतनी जोरदार बिकवाली की है। इसके पहले मार्च 2020 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से सबसे अधिक 61,973 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में अक्टूबर के पहले अप्रैल और मई के महीने में भी विदेशी निवेशकों ने लिवाली से अधिक बिकवाली की थी। इन दोनों महीनो के दौरान विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार से 34,252 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। इसके बाद जून से सितम्बर तक विदेशी निवेशक लगातार लिवाल की भूमिका में बने रहे।
सितंबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के निवेश का ये पिछले 9 महीने का सबसे ऊंचा स्तर था। लेकिन अक्टूबर के महीने में विदेशी निवेशकों को द्वारा जमकर की गई बिकवाली के कारण 2024 में उनका कुल निवेश अब सिर्फ 6,593 करोड़ रुपये का रह गया है।
अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने कुल 1,13,858 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि इस महीने उन्होंने 19,841 करोड़ रुपये की खरीदारी भी की। इस तरह खरीद बिक्री को मिलाकर उनकी बिकवाली का कुल आंकड़ा 94,017 करोड़ रुपये का रहा।
इस महीने जहां विदेशी निवेशक भारतीय स्टॉक मार्केट में लगातार बिकवाली करते रहे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस महीने पूरी तरह से लिवाल की भूमिका निभाई। अक्टूबर महीने में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कल 98,400 करोड़ रुपये की खरीदारी की। घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा किसी एक महीने में ये अभी तक का सबसे बड़ा निवेश है। इसके पहले ये रिकॉर्ड 56,356 करोड़ रुपये का था, जो इसी साल मार्च के महीने में घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी के कारण बना था।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अक्टूबर में हुई जोरदार बिकवाली का ये क्रम नवंबर में भी जारी रह सकता है। मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के जल्दी थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लगातार दबाव में बने रहने की आशंका है।
इसके साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था में राहत पैकेज के ऐलान और अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव की वजह से ग्लोबल मार्केट में लगातार उथल-पुथल बनी रहने की संभावना है। ऐसी स्थिति में घरेलू शेयर बाजार पर भी स्वाभाविक रूप से असर पड़ेगा।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि जियो पोलिटिकल टेंशन के कारण ज्यादातर विदेशी निवेशक इन दोनों अपना पैसा सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड मार्केट में निवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही चीन द्वारा राहत पैकेज का ऐलान करने के बाद कई निवेशक दुनिया के दूसरे स्टॉक मार्केट से अपना पैसा निकाल कर चीन के स्टॉक मार्केट में खरीदारी कर रहे हैं। इसकी वजह से अक्टूबर महीने में भी विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली की।
अब यही ट्रेंड नवंबर में भी जारी रह सकता है। ऐसी स्थिति में बाजार को ध्वस्त होने से बचाने के लिए घरेलू संस्थागत निवेशकों को आक्रामक अंदाज में खरीदारी करनी होगी। ऐसा करने से ही घरेलू शेयर बाजार को बड़ी गिरावट से भी बचाया जा सकेगा और रिटेल इन्वेस्टर्स के हितों की सुरक्षा भी की जा सकेगी।