Foreign investors withdrew: घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली पिछले सप्ताह भी लगातार जारी रही। नवंबर के महीने में विदेशी निवेशक अभी तक स्टॉक मार्केट से 22,420 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। माना जा रहा है कि घरेलू शेयर बाजार के हाई वैल्यूएशन, डॉलर इंडेक्स में आई तेजी, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में हुई बढ़ोतरी और चीन में बढ़ रहे एलोकेशन की वजह से विदेशी निवेशक दुनिया के कई शेयर बाजारों की तरह भारतीय शेयर बाजार में भी बिकवाली करके अपना पैसा निकल रहे हैं।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार नवंबर के महीने में अभी तक विदेशी निवेशक लिवाली और बिकवाली को मिलाकर 22,420 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी कर चुके हैं। इसके पहले अक्टूबर के महीने में भी विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। अक्टूबर महीने में बिकवाली का ये आंकड़ा घरेलू शेयर बाजार के इतिहास में विदेशी निवेशकों द्वारा किसी एक महीने में की गई बिकवाली का अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इसके पहले मार्च 2020 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में एक महीने में 61,973 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। अक्टूबर के पहले सितंबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो पिछले 9 महीने का सर्वोच्च स्तर था।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है। खासकर चीन द्वारा राहत पैकेज का ऐलान करने के बाद विदेशी निवेशक अपनी पूंजी बड़ी मात्रा में चीन के स्टॉक एक्सचेंज में शिफ्ट कर रहे हैं। इसके लिए वे भारत समेत दुनिया के कई स्टॉक एक्सचेंज में पिछले 1 महीने से लगातार बिकवाली करके पैसे की निकासी कर रहे हैं।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है। इसी तरह अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में भी बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह से विशेष रूप से अमेरिकी निवेशक दुनिया भर के बाजारों से अपना पैसा निकालने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही चीन के आकर्षक प्रस्ताव की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अपना पैसा भारतीय बाजार से निकाल कर चीन के स्टॉक मार्केट में लगा रहे हैं। इसकी वजह से चीन के स्टॉक मार्केट में तेजी आई है, जबकि भारतीय स्टॉक मार्केट पर दबाव बना गया है।
धामी का कहना है कि विदेशी निवेशक आने वाले दिनों में भी भारतीय बाजार से पैसा निकलना जारी रख सकते हैं। हालांकि, अगर तीसरी तिमाही के दौरान कंपनियों के नतीजे सकारात्मक रहे और आय में सुधार होने के पॉजिटिव इंडिकेशंस मिले, तो ये स्थिति बदल सकती है। दरअसल, घरेलू बाजार में ज्यादातर बड़ी कंपनियां ने सितंबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे पेश करके निगेटिविटी को बढ़ाने का काम किया है, जिसकी वजह से बाजार पर लगातार दबाव बना हुआ है।