Bhagwan Birsa Munda: डाक विभाग ने जनजातीय गौरव दिवस पर महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है। यह स्मारक टिकट भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके महत्वपूर्ण योगदान और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को एक कालातीत श्रद्धांजलि है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के जमुई में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य सम्मानित गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस टिकट का अनावरण किया।
शंख सामंत द्वारा डिजाइन किए गए इस टिकट में भगवान बिरसा मुंडा का एक शक्तिशाली चित्रण है, जिसकी पृष्ठभूमि में उन्हें अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए दिखाया गया है। उनकी दृढ़ अभिव्यक्ति आदिवासी एकता, सशक्तिकरण और स्वशासन के लिए उनके अटूट दृष्टिकोण का प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि 15 नवंबर 1875 को बिहार (वर्तमान झारखंड) के उलिहातु में जन्मे बिरसा मुंडा ने 1899 से 1900 तक ऐतिहासिक उलगुलान (महान विद्रोह) का नेतृत्व किया, जिसमें आदिवासी भूमि को पुनः प्राप्त करने और औपनिवेशिक उत्पीड़न का विरोध करने की लड़ाई में हजारों लोगों को एकजुट किया।
“मुंडा राज” के लिए उनकी वकालत शोषण से मुक्त एक न्यायपूर्ण और स्व-शासित समाज के उनके सपने का प्रतीक थी। हालांकि वे दुखद रूप से केवल 25 वर्ष की आयु में ही चल बसे लेकिन साहस और लचीलेपन का उनका संदेश पूरे भारत में समुदायों को प्रेरित करता है।