EU deforestation regulation and carbon tax unfair: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) का वन-कटाई विनियमन (ईयूडीआर) और कार्बन कर अनुचित है। उन्होंने कहा कि इसका भारतीय उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा। पीयूष गोयल ने कुछ इस्पात उत्पादों पर ईयू के सुरक्षा उपाय को भी तर्कहीन बताया है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने नई दिल्ली में यूरोपीय व्यापार महासंघ (एफईबीआई) के भारत में आधिकारिक शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। वाणिज्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि महासंघ भारत में यूरोपीय कंपनियों के पदचिह्नों का विस्तार करने में एक सुविधाकर्ता के रूप में कैसे कार्य कर सकता है, जिससे साझा समृद्धि और विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके।
वाणिज्य मंत्री ने भारत में यूरोपीय व्यापार महासंघ के शुभारंभ के अवसर पर उद्योग और ईयू के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों पर ईयू के सुरक्षा उपाय भी तर्कहीन हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश में व्यापार, निवेश और विनिर्माण क्षेत्रों में अवसरों की भरमार है। उन्होंने कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों पर ईयू के सुरक्षा उपाय भी तर्कहीन हैं।
ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया और अमेरिका सहित प्रमुख कृषि निर्यातक देशों ने ईयू वन-कटाई विनियमन (ईयूडीआर) पर आपत्ति जताई है। ईयूडीआर को 16 मई, 2023 को अपनाया गया था। इसका उद्देश्य यूरोपीय संघ के बाजार में वन-कटाई और वन क्षरण में योगदान देने वाले कुछ वस्तुओं के आयात को रोकना है। इन उत्पादों में कॉफी, चमड़ा, तेल केक, लकड़ी के फर्नीचर, कागज और पेपरबोर्ड शामिल हैं। इस उत्पाद सूची को और बढ़ाने की योजना है।