Chirag Paswan: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि सरकार प्रसंस्करण स्तर को बढ़ावा देने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों के तहत 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं और 50 खाद्य विकिरण केंद्र स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के अमृत काल की यात्रा में प्रत्येक हितधारक की महत्वपूर्ण भूमिका है।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने यहां ‘फिक्की मैसमेराइज 2024’ के 13वें संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही। चिराग पासवान ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि हर क्षेत्र में उत्पादों की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल कंपनी के ब्रांड पर बल्कि भारत के ब्रांड पर भी असर पड़ेगा। मंत्री ने उद्योग जगत से उत्पादों की गुणवत्ता से समझौता न करने को कहा कि क्योंकि इससे न केवल ब्रांड बल्कि देश की छवि भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्वयं के भारतीय मानक स्थापित करने पर काम कर रही है, जिसे दुनिया को स्वीकार करना चाहिए।
पासवान ने कहा कि भारतीय खुदरा एफएमसीजी और ई-कॉमर्स क्षेत्र भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। पासवान ने कहा, “जैसा कि हम एक विकसित भारत की दिशा में काम करते हैं, एफएमसीजी क्षेत्र की अनुकूलनशीलता और लचीलापन एक मजबूत और टिकाऊ अर्थव्यवस्था को आकार देने के लिए अहम होगा।
पासवान ने कहा कि यह क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए पासवान ने सुधार और परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत ने पिछले 10 वर्षों में परिवर्तनकारी सुधार देखे हैं और नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है, जिसे दुनिया देख रही है। इस यात्रा में उद्योग की बहुत बड़ी भूमिका है।