Haryana news : हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने राज्य के चार विभागों में अग्निवीरों को दस प्रतिशत आरक्षण देने और प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस जारी करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, सैनी सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद अग्निवीरों को नौकरियां देने वाले उद्योगपतियों को सब्सिडी देने और अपना उद्योग लगाने वाले अग्निवीरों को पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री सैनी ने बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि चार साल की सेवा के बाद सेना से लौटने वाले अग्निवीरों को हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल, वन और खनन गार्ड, जेल वार्डन और एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) की सीधी भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
इतना ही नहीं, अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में निर्धारित आयु सीमा में भी छूट मिलेगी। सैनी ने कहा कि पहले बैच के अग्निवीरों को आयु में पांच साल की छूट दी जाएगी। इसके बाद के बैच के लिए यह छूट तीन साल होगी। इतना ही नहीं, सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों यानी ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के पदों पर भी अग्निवीरों के लिए आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर काफी प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी योजना है और इसके माध्यम से कुशल और सक्रिय युवा तैयार होंगे। इस योजना को 14 जून, 2022 को लागू किया गया था, जिसके तहत अग्निवीरों को चार साल के लिए भारतीय सशस्त्र बलों में भर्ती किया जा रहा है।
चार साल की सेवा के बाद, कुल अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत स्थायी होंगे और बाकी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीरों को ग्रुप-सी सिविल पदों की सीधी भर्ती में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। वहीं, ग्रुप-डी पदों में एक प्रतिशत आरक्षण होगा। ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों में निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में तीन साल की छूट होगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई उद्योगपति अग्निवीरों को सेना से लौटने के बाद 30,000 रुपये से अधिक मासिक वेतन पर नौकरी देता है, तो ऐसे उद्योगपतियों को सरकार द्वारा वार्षिक 60,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए, एक विस्तृत योजना का मसौदा तैयार कर जारी किया जाएगा।
अग्निवीरों को सेना से लौटने के बाद निजी क्षेत्र में आसानी से नौकरियां मिल सकेंगी। इसके लिए, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस मिलेंगे। इसी तरह, विभिन्न विभागों और बोर्ड-निगमों में तैनाती के लिए अग्निवीरों को योग्यता स्कोर में प्राथमिकता दी जाएगी। यदि कोई अग्निवीर अपना उद्योग स्थापित करना चाहता है, तो सरकार उसे पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, जनसंपर्क निदेशक मंडीप सिंह बरार और मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने चार साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों की भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। इसी तर्ज पर, हरियाणा सरकार ने पुलिस में कांस्टेबलों की सीधी भर्ती, वन विभाग में वन गार्ड, खनन गार्ड, जेल विभाग में जेल वार्डन और विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) की सीधी भर्ती में दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
एसपीओ में सेना और अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों की नियुक्ति की जाती है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार के इस निर्णय से विपक्ष का एक बड़ा मुद्दा छीन लिया गया है। कांग्रेस हरियाणा में सत्ता में आने पर अग्निपथ योजना को समाप्त करने की घोषणा कर रही है।