P M Modi Swearing in Ceremony – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेने वाले हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है और मिठाई खिलाई है। एनडीए ने नरेंद्र मोदी को 18वीं लोकसभा के नेता के रूप में चुना है और वह 9 जून की शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण करेंगे। यह उनके लिए लगातार तीसरी बार शपथ लेने का मौका है, जिससे वह पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
सेंट्रल हॉल में हुई बैठक में एनडीए ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नामांकित किया। एनडीए के सभी घटक दलों ने राष्ट्रपति से मिलकर मोदी के समर्थन में पत्र सौंपा। इसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का आमंत्रण पत्र दिया और 9 जून को शपथ ग्रहण के लिए बुलाया।
सरकार बनाने की प्रक्रिया लोकसभा चुनावों के बाद शुरू होती है। जिस दल को बहुमत मिलता है, वह अपने सांसदों की बैठक करके प्रधानमंत्री पद के लिए नेता चुनता है। यदि किसी को बहुमत नहीं मिलता, तो गठबंधन बनता है और वे मिलकर नेता चुनते हैं। इसी प्रक्रिया के तहत एनडीए ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुना और उनके समर्थन में राष्ट्रपति के पास पहुंचे।
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुनने के बाद, राष्ट्रपति ने उन्हें मिठाई खिलाई और 18वीं लोकसभा का कार्यकाल कब शुरू होगा इसकी जानकारी दी। लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है और प्रत्येक लोकसभा चुनाव के बाद नई लोकसभा की पहली बैठक होती है। इस बार 2024 में हुए चुनाव के बाद 18वीं लोकसभा की पहली बैठक 15 जून को होनी है।
9 जून को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के बाद, 15 जून को नई लोकसभा की पहली बैठक होगी जिसमें नव निर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह नए संसद भवन में होगा। इसके अगले दिन राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी और 18वीं लोकसभा का औपचारिक उद्घाटन होगा।
नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी शपथ लेंगे और मंत्रिमंडल की बैठक होगी जिसमें 15 जून को लोकसभा की पहली बैठक की तारीख तय होगी। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होने वाला था, लेकिन राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल की सिफारिश पर इसे 5 जून को ही भंग कर दिया था।
नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद, नई सरकार की प्राथमिकताएं और नीतियाँ भी सामने आएंगी। सरकार विभिन्न क्षेत्रों में सुधार, विकास और जनता की भलाई के लिए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएगी। इसमें आर्थिक सुधार, सामाजिक कल्याण, कृषि सुधार, स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, और विदेश नीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हो सकते हैं।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पिछले दो कार्यकालों में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं को शुरू किया है। इनमें स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन योजना आदि शामिल हैं। नई सरकार इन योजनाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने और नए कार्यक्रमों की शुरुआत करने का प्रयास करेगी।
इसके अलावा, 18वीं लोकसभा के दौरान विपक्षी दलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। वे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे और विभिन्न मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश करेंगे। संसद में विभिन्न विषयों पर बहस और चर्चा के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रयास होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ ग्रहण के बाद, सरकार और विपक्ष के बीच सहयोग और संवाद का महत्व और भी बढ़ जाएगा। इससे नीतिगत निर्णयों में पारदर्शिता और समावेशिता बनी रहेगी।
लोकतंत्र की इस प्रक्रिया में जनता की सहभागिता भी महत्वपूर्ण होती है, जिससे सरकार को जनता की वास्तविक जरूरतों और अपेक्षाओं का पता चलता है। इस प्रकार, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन और 18वीं लोकसभा का आरंभ भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना होगी।
इसके माध्यम से सरकार अपने आगामी पांच वर्षों के कार्यकाल में देश को प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध होगी। नई सरकार के कार्यकाल की शुरुआत एक नई उम्मीद और नए संकल्पों के साथ होगी, जिसमें भारत को एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बनाने का प्रयास किया जाएगा।